Saturday, 7 May 2016

Aakarshan Mantra

आकर्षण-मन्त्र:-

सर्व-जन-आकर्षण-मन्त्र
१॰ नमो आदि-रुपाय अमुकस्य आकर्षणं कुरु कुरु स्वाहा।
विधि- लाख जप से उक्त मन्त्र सिद्ध होता है।अमुकस्यके स्थान पर साध्य या साध्या का नाम जोड़े।आकर्षण’” का अर्थ विशाल दृष्टि से लिया जाना चाहिए। सूझ-बूझ से उक्त मन्त्र का उपयोग करना चाहिए। मान्त्र-सिद्धि के बाद प्रयोग करना चाहिए। प्रयोग के समय अनामिका उँगली के रक्त से भोज-पत्र के ऊपर पूरा मन्त्र लिखना चाहिए। जिसका आकर्षण करना हो, उस व्यक्ति का नाम मन्त्र में जोड़ कर लिखें। फिर उस भोज-पत्र को शहद में डाले। बाद में भी मन्त्र का जप करते रहना चाहिए। कुछ ही दिनों में साध्य वशीभूत होगा।

२॰ हुँ हुँ ह्रीं।
३॰ ह्रों ह्रीं ह्रां नमः।
४॰ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं इँ नमः।
विधि- उक्त मन्त्र में से किसी भी एक मन्त्र का जप करें। प्रतिदिन १० हजार जप करने से १५ दिनों में साधक की आकर्षण-शक्ति बढ़ जाती है।जपके साध्य का ध्यान करना चाहिए।


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