Saturday, 7 May 2016

Kamiya Sindoor Mohan

कामिया सिन्दूर-मोहन मन्त्र :-


हथेली में हनुमन्त बसै, भैरु बसे कपार।
नरसिंह की मोहिनी, मोहे सब संसार।
मोहन रे मोहन्ता वीर, सब वीरन में तेरा सीर।
सबकी नजर बाँध दे, तेल सिन्दूर चढ़ाऊँ तुझे।
तेल सिन्दूर कहाँ से आया ? कैलास-पर्वत से आया।
कौन लाया, अञ्जनी का हनुमन्त, गौरी का गनेश लाया।
काला, गोरा, तोतला-तीनों बसे कपार।
बिन्दा तेल सिन्दूर का, दुश्मन गया पाताल।
दुहाई कमिया सिन्दूर की, हमें देख शीतल हो जाए।
सत्य नाम, आदेश गुरु की। सत् गुरु, सत् कबीर।
विधि- आसाम केकाम-रुप कामाख्या, क्षेत्र मेंकामीया-सिन्दूरपाया जाता है। इसे प्राप्त कर लगातार सात रविवार तक उक्त मन्त्र का १०८ बार जप करें। इससे मन्त्र सिद्ध हो जाएगा। प्रयोग के समयकामिया सिन्दूरपर बार उक्त मन्त्र पढ़कर अपने माथे पर टीका लगाए।टीकालगाकर जहाँ जाएँगे, सभी वशीभूत होंगे।


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