Sunday, 8 May 2016

Piliya ka Mantra

पीलिया का मंत्र:-

 “ओम नमो बैताल। पीलिया को मिटावे, काटे झारे। रहै नेंक। रहै कहूं तो डारुं छेद-छेद काटे। आन गुरु गोरख-नाथ। हन हन, हन हन, पच पच, फट् स्वाहा।
विधिः- उक्त मन्त्र कोसूर्य-ग्रहणके समय १०८ बार जप कर सिद्ध करें। फिर शुक्र या शनिवार को काँसे की कटोरी में एक छटाँक तिल का तेल भरकर, उस कटोरी को रोगी के सिर पर रखें और कुएँ कीदूबसे तेल को मन्त्र पढ़ते हुए तब तक चलाते रहें, जब तक तेल पीला पड़ जाए। ऐसा या बार करने से पीलिया रोग सदा के लिए चला जाता है।


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